अमावस्या को हिन्दू धर्म में बहुत महत्व वाली तिथि के रूप में जाना जाता है। शस्त्रों और पंचांग के अनुसार एक साल में अमावस्या की 12 तिथियाँ पड़ती है। इन 12 तिथियों में से एक है “वैशाख अमावस्या”. शास्त्रों के अनुसार वैशाख अमावस्या के दिन स्नान-दान करने को अधिक महत्व वाली और फलदाई माना जाता है।
कहा जाता है कि “वैशाख अमावस्या” के दिन जो भी स्नान-दान करता है, उसे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और किए गए पापों से मुक्ती मिल जाती है। इस लेख में हम “वैशाख अमावस्या” के महत्व और 2024 की वैशाख अमावस्या किस दिन पड़ने वाली है के बारे में जानेंगे।
वैशाख अमावस्या का महत्व:
शास्त्रों और पंचांगों के अनुसार “ वैशाख अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से किए गए सभी पापों से मुक्ती मिल जाती है. और उन दोषों से मुक्ती मिल जाती है जिससे मनुष्य को बीमारी और नकारात्मकता जकड़ लेती हैं। इसके साथ ही जो भी इंसान इस दिन दान-धर्म करता है, उसके घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. वहीं जो इंसान इस दिन अपने पितरों की पूजा करता है उसे पितरों का आशीर्वाद मिलता है जिससे घर के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।इसे भी पढें:
वैशाख अमावस्या 2024 कब है?
भारतीय पंचांग के अनुसार इस बार 2024 की “वैशाख अमावस्या” 7 मई दिन मंगलवार को सुबह के 11:41 से प्रारंभ होगी और इसका समापन 8 मई दिन बुधवार को सुबह 8:51 बजे होगा। हलाकी उदयातिथि के अनुसार वैशाख अमावस्या 08 मई को होनी चाहिए थी लेकिन तिथि क्षय के कारण इसका दो दिन का योग बन रहा है।वैशाख अमावस्या 2024 का मुहूर्त:
इस बार की “वैशाख अमावस्या” दो दिन की होने वाली है. अतः इस स्थित में स्नान-दान दोनों दिन किए जा सकते है। 07 मई को स्नान-दान का मुहूर्त शाम के 06:8 मिनट से 6:54 मिनट तक का है। वहीं 08 मई को सुबह 05:12 मिनट से 06:02 मिनट तक का है।वैशाख अमावस्या 2024 में पितरों की पूजा का समय:
इसके साथ ही वैशाख अमावस्या 2024 में पितरों की पूजा का समय 07 मई को दोपहर के 12 बजे का है।पं. हीरामणि तिवारी