महाशिवरात्री के इस विशेष पावन अवसर पर हम इस लेख में आप को महादेव के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जिसे स्वयं देवताओं के कारीगर भगवान विस्वकर्मा नें एक रात में बना दिया था। कहा जाता है कि इस मंदिर पर जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
इन्हीं मंदिरों में से एक महादेव के मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं,जिसके बारे में शायद ही आपको मालूम हो.
शिव मंदिर देवतलब:
मध्यप्रदेश राज्य के मऊगंज जिले में देवतलाव नाम की एक छोटी से जगह है जहाँ पर महादेव का यह मंदिर है। कहा जाता है कि यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है और इसका निर्माण स्वयं भगवान विस्वकर्मा नें केवल एक रात में किया था। विस्वकर्मा जी नें इस मंदिर के साथ-साथ माता पार्वती का मंदिर बनाया, जब वो तीसरे मंदिर का निर्माण कर रहे थे तबतक सुबह हो गई और वो उसे अधूरा ही छोड़कर चले गए। भक्त इस मंदिर में स्थित पाँच शिवलिंगों को पाँच बार वहाँ स्थित कुंड से जल लाकर स्नान कराते हैं।देवतलब शिव मंदिर की विशेषता:
भगवान भोलेनाथ का अत्यंत प्राचीन यह मंदिर अत्यंत फलदाई मंदिर माना जाता है. कहा जाता है कि जो भी भक्त यहाँ अपनी जो भी मनोकामना लेकर आता है,भोलेनाथ उसे अवश्य पूर्ण करते हैं।मुख्य शिवलिंग गर्भगृह में है स्थित:
इस मंदिर का जो मुख्य शिवलिंग है वह इस मंदिर के गर्भगृह में स्थित है। और वहाँ अब कोई नहीं जा सकता है। इस स्थान की देखरेख स्वयं नाग देवता करते हैं. कहा जाता है कि इस गर्भगृह में आज भी एक चमत्कारी मड़ी है। हलाकी गर्भगृह में जाने वाले रास्ते को किसने और किस समय में बंद करवाया था इसके बारे में कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है।हर रोज प्रथम पूजा करते है नाग देवता:
कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग की पूजा प्रत्येक दिन सबसे पहले नागदेव करते हैं. इस तथ्य की जांच करने के लिए देश का मशहूर न्यूज चैनल न्यूज-18 के लोग इस मंदिर आए थे. जब मंदिर के मुख्य पुजारी नें शाम की पूजा-आरती के बाद चैनल वालों के सामने मंदिर का गेट बंद कर दिया और घर चले गए, लेकिन चैनल वाले वहीं मंदिर के पास बैठ कर इंतजार करने लगे। जब सुबह के 3:30 बजे तो चैनल वालों नें देखा कि एक सांप मंदिर से बाहर आ रहा है,जिसे देखकर वो आश्चर्य चकित रह गए।विडिओ देखें:
न्यूज 18 का शिवमंदिर देवतलब का रहस्य
मंदिर से जुड़ी एक प्राचीन कथा:
कहा जाता है कि इस मंदिर के पास जो दो तालाब स्थित हैं उसका निर्माण कई सौ वर्षों पहले वहाँ रहने वाले एक राजा नें करवाया था। कहा जाता है कि वह अपने महल से उसी तालाब से नाव के माध्यम से महादेव के मंदिर के पास तक जाता था और मंदिर के द्वार पर उतरकर पूजा करता और फिर से नाव में चढ़ कर वापस आ जाता। एक बार देवताओंनें उसके स्वप्न में आकर ऐसा ना करने की चेतावनी भी दी लेकिन वह नहीं माना। और उसके कुछ दिन बाद ही उसका सर्वनाश हो गया।पं. हीरामणि तिवारी